बुधवार, 1 अगस्त 2012

ये प्रीत है प्यारी निज देश हमारी

ये  प्रीत है प्यारी निज देश हमारी
हम हैं प्रेम पुजारी बात यह जाने दुनियां सारी
हमें करनी है एक मिलकर दुनियां सारी
प्रेम से सींचकर लगनी है हमें मुहब्बत की फुलवारी

धरती हमारी यह अम्बर सारा
मुब्बत ही रीत है प्रीत का नारा
बरसें खुशियाँ हर मौसम महके
यह सारा जहाँ है जो मीत हमारा

दीपक की रोशनी आँगन में उजाला
मत यह हमारी इसी ने हमको पाला
आबाद है नफ़रत इसी सरजमीं पर
सेंध है जब हर जगह तो क्या करेगा रखवाला

आजाद हो हर जिंदगी बंदिशें हटें
इंसान हुकूमत से नजरें मिलकर डटें
चल निकले वतन में अमान की हवा
हर इंसान शांति का जप रटें

प्यार के नामपर धरके हरदिलजहाँ
दिल में चाहत उमंग की रसना बरसे सारी
मिलती हैं खुशिया सदाबहार वहाँ
खिलती है जहां कुदरत की फुलवारी
Pin It

सोमवार, 7 मई 2012

किस-किस पे ऊँगली उठाऊं



किसी की बुझदिली ने इस कदर फंसा दिया है मुझको 
कि इक रूमाल ने बनके  कफन, जला दिया है मुझको

कहाँ से बिगड़ी होगी तस्वीर कोई, जो आज
कोई रंग उठाने से उँगलियों ने मना किया है मुझको

क्या बताऊँ, किस-किस पे ऊँगली उठाऊं 
इधर तो हर लहर ने खुद ही से जुदा किया है मुझको

'सागर', क्या कोई और दर्द न था तेरी झोली में
जो इस तरह हकीक़त से मिला दिया है मुझको

                                                             ---------कुमार (सागर)
 

--------------------------------------------------------------------------------------

इस  रचना के बारे में आपके विचारों और सुझावों का इंतज़ार रहेगा ...धन्यवाद!!
Pin It

गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

मेहनत के नशे में आप सिगरेट से सिगार हो गये

मेरी इस साल की main exams पूरी हो चुकी हैं‌‍‍‍ बस अब Practical exams की Final Date का इंतज़ार है और इसी के साथ मेरी P.G.(PHYSICS) की Degree Complete हो जायेगी. हर साल की तरह इस साल भी college में Fair-well Party का आयोजन किया गया. होने को तो ये आयोजन हर साल होता है लेकिन इस बार विदाई हमें दी जा रही थी, हम थे Senior सो विदाई भी हमे ही दी जानी थी. सभी इस पार्टी को लेकर बहुत खुश थे मगर एक आजीब सी ख़ामोशी भी सभी के चेहरे पर साफ झलक रही थी. खुशी इसलिए कि हमारी PG की पढाई पूरी होने जा रही थी, हमें अपने Career की दिशा में एक और कदम बढ़ाना था और दुखी इस लिए थे की एक साल से जिन Juniors के साथ और 5 साल से जिन Teachers से साथ हंसी खुशी बिताया, आज उनसे अलग होने का दिन था, हालाँकि सभी जानते थे कि एक दिन आगे कि Study के लिए ये कॉलेज छोडना पड़ेगा, इन दोस्तों से अलग होना पड़ेगा मगर फिर भी उन पलों में जज्बात खुशी से ज्यादा होवी थे. खैर party अच्छी गई, सभी ने खूब मनोरंजन, मोज-मस्ती की. Juniors और Teachers ने हमारे उज्जवल भविष्य दे कामना की और हमने भी उन्हें हमेशा आगे बढते रहने और मन लगाकर पढाई करने की सलाह दी.

http://kumar-sagar.blogspot.com/
Lightning by Our Principle Sir
Juniors ने हमें और हमने teachers को जमकर Title( आचार व्यवहार के आधार पर व्यक्त की जाने वाली कुछ पंक्तियाँ ) दिए. मैंने भी Teachers को अपने अंदाज में कुछ Titles दिए...



For our HOD Mr. Naresh Ji Chejara(University Topper and NET Qualified)

कभी गुरु हुए तो कभी गुलजार हो गए
तकरार हुई कभी तो कभी दोस्ती का उपहार हो गये
बस वक्त रंग बदलता गया और 
आप गुरु से गुड की रसधार हो गये

http://kumar-sagar.blogspot.com/
Lightning by Manish Ji and in black Shirt My HOD


For our Microwave Teacher Mr. Sunil Ji Kumawat(University Topper)

मेहनत के नशे में आप सिगरेट से सिगार हो गये
हर कदम पर सीखते सिखाते मुश्किलों के आगे दिवार हो गये
वक्त पे काबू कुछ यूँ किया आपने कि
आज सरकशों की फेहरिस्त में शुमार हो गये

http://kumar-sagar.blogspot.com/
My classmate and Best Friend Mr. Bhawani Singh


For our Quantum Teacher Mr. Sanjay Ji Saini(NET JREF, BARC, Gate Qualified with a good Teaching Humor, our best Teacher, we refer him for any Concept related problem in any subject ie. all rounder in one word)

आप  पढ़े इतना कि खुद ही खंजर की धार हो गये
जो टकराए आपसे इरादे उनके ही बेकार हो गये
अब भी ज्ञान के छापेखाने में छाप रहे हो यूं
कि हर किसी कि सुबह का अखबार हो गये

Prof. Sanjay Kumar Saini


For our Ex. Teacher and Special Guest Mr. GyanPrakash Ji Sharma(Topper of our college and third ranked in the university, a student friendly teacher everyone love him a lot because of their sense of humor)

इस महफिले दहर ने गरमाई पाई है तुमसे
सच कहूँ तो हर चेहरे पे रोनक आई है तुमसे
उस साखे लुत्फ़ का हक़दार है हर कोई 
जो रंगत हमने पाई है तुमसे

कुल दो कदम ही जो साथ चले हैं हम तुम्हारे
समझ  लिया कि क्यों हर मुशीबत बीच राह में शरमाई है तुमसे
क्यों  जिंदादिली है जिन्दा तुमसे
क्यों आज हर चेहरे पे रोनक आई है तुमसे
बस यूँ ही बरक़रार रखना इन लबों पे हसीं
क्योंकि खुद अपनी ही जिंदगी की रोशनी है तुमसे

                                                                                                
                                                                                  ---------कुमार (सागर)
 

--------------------------------------------------------------------------------------

इस  रचना के बारे में आपके विचारों और सुझावों का इंतज़ार रहेगा ...धन्यवाद!!
Pin It