तुम क्या जानो होती क्या है तन्हाई,
टूटे हुए पत्तों से पूछो होती क्या है जुदाई,
ये बेवफाई का इल्ज़ाम न देना मुझे,
वक़्त से पूछो किस वक़्त तुम्हारी याद ना आई ...
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टूटे हुए पत्तों से पूछो होती क्या है जुदाई,
ये बेवफाई का इल्ज़ाम न देना मुझे,
वक़्त से पूछो किस वक़्त तुम्हारी याद ना आई ...
इस अभिव्यक्ति से विश्वास झलक रहा है ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
गज़ब के भाव संजोये हैं
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