ये प्रीत है प्यारी निज देश हमारी
हम हैं प्रेम पुजारी बात यह जाने दुनियां सारी
हमें करनी है एक मिलकर दुनियां सारी
प्रेम से सींचकर लगनी है हमें मुहब्बत की फुलवारी।
धरती हमारी यह अम्बर सारा
मुब्बत ही रीत है प्रीत का नारा
बरसें खुशियाँ हर मौसम महके
यह सारा जहाँ है जो मीत हमारा।
दीपक की रोशनी आँगन में उजाला
मत यह हमारी इसी ने हमको पाला
आबाद है नफ़रत इसी सरजमीं पर
सेंध है जब हर जगह तो क्या करेगा रखवाला।
आजाद हो हर जिंदगी बंदिशें हटें
इंसान हुकूमत से नजरें मिलकर डटें
चल निकले वतन में अमान की हवा
हर इंसान शांति का जप रटें।
प्यार के नामपर धरके हरदिलजहाँ
दिल में चाहत उमंग की रसना बरसे सारी
मिलती हैं खुशिया सदाबहार वहाँ
खिलती है जहां कुदरत की फुलवारी।
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हम हैं प्रेम पुजारी बात यह जाने दुनियां सारी
हमें करनी है एक मिलकर दुनियां सारी
प्रेम से सींचकर लगनी है हमें मुहब्बत की फुलवारी।
धरती हमारी यह अम्बर सारा
मुब्बत ही रीत है प्रीत का नारा
बरसें खुशियाँ हर मौसम महके
यह सारा जहाँ है जो मीत हमारा।
दीपक की रोशनी आँगन में उजाला
मत यह हमारी इसी ने हमको पाला
आबाद है नफ़रत इसी सरजमीं पर
सेंध है जब हर जगह तो क्या करेगा रखवाला।
आजाद हो हर जिंदगी बंदिशें हटें
इंसान हुकूमत से नजरें मिलकर डटें
चल निकले वतन में अमान की हवा
हर इंसान शांति का जप रटें।
प्यार के नामपर धरके हरदिलजहाँ
दिल में चाहत उमंग की रसना बरसे सारी
मिलती हैं खुशिया सदाबहार वहाँ
खिलती है जहां कुदरत की फुलवारी।
सुन्दर , अति सुन्दर .
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें.
अतिसुंदर...
जवाब देंहटाएंगहन अर्थ लिए हुए एक लाजवाब कृति |
मेरा ब्लॉग आपके इंतजार में,समय मिलें तो बस एक झलक-"मन के कोने से..."
आभार..|